"महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" / 153
प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 153 वां, में बताया गया है कि साधु-संतों का पहला कर्तव्य ईश्वर भजन और अपनी संभाल करना है।
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साधु-संतों का पहला कर्तव्य ईश्वर भजन
जो साधु महात्मा हैं उन्हें चाहिए कि सबसे पहले अपनी संभाल करें फिर लोगों को उपदेश दे तो वह ज्यादा प्रभाव कारी होता है। साधु महात्माओं का मुख्य कर्तव्य ईश्वर भजन है और अपनी संभाल ।इसके बाद संसार के संभाल ।
प्रवचन चित्र दो |
प्रवचन चित्र 3 |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि साधु-संतों का पहला कर्तव्य ईश्वर भजन और अपनी संभाल करना है । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।
S153, साधु संतों का पहला कर्तव्य ईश्वर भजन है। --सद्गुरु महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
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8/10/2018
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