"महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" / 350
प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 350 वां, में बताया गया है कि ईश्वर का दर्शन कैसे होगा?
शांति संदेश |
ईश्वर का दर्शन कैसे होगा ?
प्रभु प्रेमियों ! ईश्वर भक्तों के लिए, प्रभु भक्तों के लिए ईश्वर का दर्शन सबसे बड़ा काम है। ईश्वर दर्शन हो जाने पर मन को हर तरह की सुख शांति प्राप्त हो जाती है । तो उस ईश्वर का दर्शन करने के लिए हम लोगों को क्या करना चाहिए? क्या चीज का परहेज रखना चाहिए? कहां से यात्रा करना चाहिए ? इन सारी बातों की जानकारी इस प्रवचन में दिया गया है।
प्रवचन चित्र |
ईश्वर का दर्शन कैसे होगा? ईश्वर दर्शन के लिए पहले उसके स्वरूप को समझें, कि ईश्वर कैसा है? तो वह अकथ है, अगम है, अनंत है । ये सब जो विशेषण है। किस तरह परमात्मा में लागू होता है। इसके बारे में इस प्रवचन में विशेष रूप से चर्चा है। इसके साथ ही ईश्वर की प्राप्ति कैसे होगी इसकी भी बातें बताई गई हैं।
प्रर्वचन समाप्त |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि ईश्वर का दर्शन कैसे होगा । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।
S350, ईश्वर कहां मिलेंगे ? ईश्वर प्राप्ति के साधन और युक्ति क्या है? -महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
8/10/2018
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