महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर /52
प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S52, इसमें बताया गया है कि संतमत संत्संग के अनुसार सच्चा सुख कहाँ है?
सुख की खोज में गुरुदेव |
सच्चा सुख कहाँ है?
सच्चा सुख केवल परमात्मा के भजन में है। वह परमात्मा केवल ध्यान, संत्संग से ही मिल सकता है। सच्चा सुख क्या है? इसे कैसे प्राप्त करें? किससे इसकी जानकारी प्राप्त करें? सुख से संबंधित सभी बातों की जानकारी गुरु महाराज के इस प्रवचन में है-
प्रवचन चित्र एक |
इह लोक के सुख को छोड़ने से परलोक के सुख की प्राप्ति होती है । परलोक को पाने के लिए जब दत्तचित्त होते हैं, उसको पाने पर तब धीरे-धीरे वह इधर के सुख को छोड़ते हैं और उधर के सुख को पाने लगते हैं।
प्रवचन चित्र दो |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि संतमत संत्संग के अनुसार सच्चा सुख कहाँ है । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस प्रवचन के शेष भाग को पढ़ने के लिए
S52, (क) सच्चा सुख कहाँ है? Santmat Spritual Story -महर्षि मेँहीँ
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
8/10/2018
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