महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" /259
प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 259 वां,इसमें बताया गया है कि संतमत के प्रचार-प्रसार करने के लिए जो इच्छुक हैं, उन्हें किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? किन किन विषयों पर अवश्य बोलना चाहिए?
गुरुदेव |
संतमत के प्रचारक कैसा होना चाहिए
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के प्रवचन में संतमत के प्रचारक को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? किन विषयों पर अवश्य बोलना चाहिए और कैसा आचरण रखना चाहिए? इन सारी बातों की जानकारी इस प्रवचन में दिए हैं । तो आइए गुरु महाराज के मुख से कहे प्रवचन का पाठ करें-
गुरु महाराज का प्रवचन 259 |
गुरु महाराज का प्रवचन 259। |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि संतमत के प्रचार-प्रसार करने के लिए जो इच्छुक हैं। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।
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S259, ध्यानाभ्यास कुप्पाघाट/गुरु महाराज का pravachan/पाठ- रविंद्र बाबा/संतमत प्रचारक
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
11/07/2018
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