महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" /260
प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 260 वां, इसमें बताया गया है कि जवानी में भजन करना अच्छा है। बुढ़ापे में वात, पित्त, कफ आदि बीमारी से लोग परेशान रहते हैं। जो भी काम करना होता है, जवानी में ही अच्छा होता है?
पूज्यपाद गुरुदेव |
bhajan karo mast jawani mein
जवानी में भजन करना अच्छा है। बुढ़ापे में वात, पित्त, कफ आदि बीमारी से लोग परेशान रहते हैं। जो भी काम करना होता है, जवानी में ही अच्छा होता है?
प्रवचन 260, जवानी में भक्ति |
गुरु महाराज का प्रवचन । जवानी में भक्ति। |
गुरुदेव प्रवचन |
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S260, गुरु महाराज का pravachan/जवानी में भजन,dharm ka arth kya hai
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
11/08/2018
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