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S294, In the whole creation, who are special people through them the formless God is worshiped -महर्षि मेंहीं

महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" /294

      प्रभु प्रेमियों ! संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 294 वां, भारत देश के, उत्तर प्रदेश राज्य के हरिद्वार जिलांतर्गत हुए 60वें अखिल भारतीय संतमत सत्संग महाधिवेशन कार्यक्रम में दिनांक- 10-06-1968 ई. को प्रात: काल  हुआ था।  --पूज्यपाद स्वामी श्री संतसेवी जी महाराज   ।
    इस संतमत प्रवचन में आप जानेंगे--विभूति नाम का अर्थ,महान विभूति का अर्थ,विभूतियां का अर्थ,विपुलता का अर्थ, ईश्वर की विभूति in Hindi,संपूर्ण सृष्टि में ईश्वर की बिभूति है,विभूति योग,विभूति क्या है,G10, ईश्वर की परमात्मा की अलौकिक, यौगिक विभूतियाँ,वेद में ईश्वर की उपासना,ishwar upasana vidhi in hind, निराकार ईश्वर उपासना, ईश्वर स्तुति, प्रार्थना व उपासना आदि के बारे में।

S294,  In the whole creation, who are special people through them the formless God is worshiped -महर्षि मेंहीं। ईश्वर की विशेष विभूति पर प्रवचन करते गुरुदेव
ईश्वर की विशेष विभूति पर प्रवचन करते गुरुदेव

In the whole creation, who are special people through them the formless God is worshiped

सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज कहते हैं कि-- ईश्वर के स्वरूप को जानकर उनकी भक्ति करने से ही मनुष्य का कल्याण हो सकता है। संसार के सभी तेजोमय विभूति ईश्वर की है। उनमें प्रकाश और शब्द सबसे विशेष ईश्वर की विभूतियां हैं। संत कबीर साहब, गुरु नानक साहब, संत दादू दयाल जी आदि महापुरुषों ने इसी शब्द और प्रकाश के सहारे ईश्वर भक्ति करने की प्रेरणा दी हैं। तेजोबिंदु उपनिषद में इन्ही विभूतियों के सहारे ईश्वर उपासना की विधि बताई गई है। सभी पहुंचे हुए संतों ने भी इन बातों की पुष्टि की है।  इन बातों को बिशेष रूप से जानने के लिए इस प्रवचन को पूरा पढें-

S294,  In the whole creation, who are special people through them the formless God is worshiped -महर्षि मेंहीं। ईश्वर की विशेष विभूति प्रवचन चित्र एक
ईश्वर की विशेष विभूति प्रवचन चित्र एक

S294,  In the whole creation, who are special people through them the formless God is worshiped -महर्षि मेंहीं। ईश्वर की विशेष विभूति प्रवचन चित्र दो
ईश्वर की विशेष विभूति प्रवचन चित्र दो

S294,  In the whole creation, who are special people through them the formless God is worshiped -महर्षि मेंहीं। ईश्वर की विशेष विभूति प्रवचन समाप्त
ईश्वर की विशेष विभूति प्रवचन समाप्त

प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि  विभूति नाम का अर्थ,महान विभूति का अर्थ, विभूतियों का अर्थ,विपुलता का अर्थ, ईश्वर की विभूतियां, निराकार ईश्वर उपासना इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का  सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। उपर्युक्त प्रवचन का पाठ निम्न वीडियो में किया गया है।


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जय गुरु।

S294, In the whole creation, who are special people through them the formless God is worshiped -महर्षि मेंहीं S294,  In the whole creation, who are special people through them the formless God is worshiped -महर्षि मेंहीं Reviewed by सत्संग ध्यान on 9/03/2019 Rating: 5

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