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S22, The fruits of the deeds of Lord Rama and Krishna and the glory of meditation yoga --महर्षि मेंही

महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" /22

      प्रभु प्रेमियों ! संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 22 वां, भारत देश के, बिहार राज्य के पूर्णियां जिलांतर्गत रघुवंशनगर में संतमत सत्संग कार्यक्रम में दिनांक- 08-07-1952 ई. को  अपराह्न काल में हुआ था। --पूज्यपाद स्वामी श्री संतसेवी जी महाराज   ।
इस संतमत प्रवचन में आप जानेंगे--ram bhagwan,भगवान राम को क्यूं बनना पड़ा हत्यारा,Who was god Ram,10 lines on ram in hindi, bhagwan ram ka charitra chitran,श्री कृष्ण की मृत्यु,कृष्ण लीला,श्री कृष्ण,कर्म क्या है, कर्म के कितने प्रकार है,कर्म की परिभाषा,कर्म का महत्व,कर्म योग के प्रकार,कर्मयोग की साधना,कर्मयोग के प्रकार,ध्यान योग व कर्म योग,ज्ञान योग,ध्यानयोग की महिमा,ध्यान की महिमा,  आदि के बारे में

S22, The fruits of the deeds of Lord Rama and Krishna and the glory of meditation yoga  --महर्षि मेंही। कर्मों के फल और ध्यान की महिमा पर प्रवचन
कर्मों के फल और ध्यान की महिमा पर प्रवचन

The fruits of the deeds of Lord Rama and Krishna and the glory of meditation yoga

सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज कहते हैं कि--भगवान राम बाली के वरदान के कारण उसे छुपकर मारा था । जिसका फल उन्होंने कृष्णावतार में बाधा के द्वारा बांण लगने से अपना शरीर छोड़कर चुकाया। कर्म का महत्व बहुत है। उसका फल अकाट्य होता है। किंतु ध्यान योग से पाप नष्ट हो जाते हैं । यह ध्यान योग की महिमा उपनिषदों में वर्णित है। वह ध्यान योग क्या है? इस पर विशेष चर्चा किया गया है। इन बातों को बिशेष रूप से जानने के लिए इस प्रवचन को पूरा पढें-

S22, The fruits of the deeds of Lord Rama and Krishna and the glory of meditation yoga  --महर्षि मेंही। ध्यान की महिमा और कर्मों का फल प्रवचन चित्र एक
ध्यान की महिमा और कर्मों का फल प्रवचन चित्र एक

S22, The fruits of the deeds of Lord Rama and Krishna and the glory of meditation yoga  --महर्षि मेंही। ध्यान की महिमा और कर्म योग प्रवचन चित्र दो
ध्यान के महिमा और कर्म योग प्रवचन चित्र दो

S22, The fruits of the deeds of Lord Rama and Krishna and the glory of meditation yoga  --महर्षि मेंही। ध्यान के मेहमा और कर्म योग प्रवचन समाप्त
ध्यान के महिमा और कर्मयोग प्रवचन समाप्त

प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि कर्म योग के प्रकार,कर्मयोग की साधना,कर्मयोग के प्रकार,ध्यान योग व कर्म योग,ज्ञान योग,ध्यानयोग की महिमा,ध्यान की महिमा आदि बारे में। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का  सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। उपर्युक्त प्रवचन का पाठ निम्न वीडियो में किया गया है।


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जय गुरु।

S22, The fruits of the deeds of Lord Rama and Krishna and the glory of meditation yoga --महर्षि मेंही S22, The fruits of the deeds of Lord Rama and Krishna and the glory of meditation yoga  --महर्षि मेंही Reviewed by सत्संग ध्यान on 11/29/2017 Rating: 5

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