प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S450, इसमें बताया गया है कि यह प्रवचन शांति संदेश के जनवरी, 1960 ईस्वी के अंक में प्रकाशित है । इस प्रवचन में गुरु महाराज गोस्वामी तुलसीदास, सूरदास आदि संतो को केवल सगुन भक्ति विशेषज्ञ ही नहीं बल्कि पूर्ण निर्गुण भक्त संत मानते हैं। इसी विषय पर यह प्रवचन है । प्रवचन पढ़ने के पहले आइए गुरु महाराज का दर्शन करें-
सिंहासन पर गुरुदेव
प्रवचन मुद्रा में गुरुदेव
प्रवचन चित्र 1
प्रवचन चित्र 2
प्रवचन चित्र 3
प्रवचन चित्र 4
प्रवचन चित्र 5
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज का प्रवचन लंबा है जिस कारण इसके शेष भाग को दूसरे पोस्ट में पड़ेंगे। इस प्रवचन दूसरे भाग को पढ़ने के लिए यहां दबाएं.
नीचे इसी प्रवचन का पाठ किया हुआ वीडियो है । इसे भी आप सुन सकते हैं-
S450,(क) संत सब एक ही भक्ति करते हैं सद्गुरु महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
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3/16/2018
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प्रभु प्रेमियों! कृपया वही टिप्पणी करें जो सत्संग ध्यान कर रहे हो और उसमें कुछ जानकारी चाहते हो अन्यथा जवाब नहीं दिया जाएगा।
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