प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S156, इसमें बताया गया है कि ब्रह्मचर्य का पालन करने से भजन करने में बल प्राप्त होता है। इसलिए थोड़ा-थोड़ा ब्रह्मचर्य का पालन अवश्य करना चाहिए। वीर्यवान् को भजन में बल मिलता है। ईश्वर-परमात्मा की भक्ति कैसे करें? ईश्वर-भक्ति का सही तरीका क्या है? जिससे सभी कष्टों से छुटकारा हो जाए । तो आइए गुरु महाराज के प्रवचन का पाठ करने के पहले उनका दर्शन करें-
ध्यानस्थ गुरुदेव |
प्रवचन |
प्रवचन चित्र दो |
प्रवचन समाप्त |
प्रभु प्रेमियों ! आप लोगों ने गुरु महाराज के प्रवचन का पाठ करके जाना कि वीर्यवान कैसे बना जा सकता है। असल में भजन करने से वीर्यवान बनता है और वीर्यवान को ही अर्थात जो जो ब्रम्हचर्य का पालन करता रहेगा वही भजन में आगे बढ़ पाएगा।
S156, वीर्यवान को भजन करने में बल मिलता है। -सद्गुरु महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
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4/06/2018
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