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S155, मनुष्य ईश्वर की भक्ति करें, इसी में मनुष्यता है -महर्षि मेंहीं

प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S156, इसमें  बताया गया है कि मनुष्य ईश्वर की भक्ति करें, इसी में मनुष्यता है। जिस मनुष्य में ईश्वर की भक्ति नहीं, चाहे वह निर्गुण भक्ति हो या सगुण तो वह मनुष्य नहीं है। ऐसा गुरु महाराज इस प्रवचन में बताते हैं और ईश्वर भक्ति के बारे में भी बहुत चर्चा है।

शांति संदेश कबर
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प्रवचन चित्र
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प्रवचन समाप्त
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      प्रभु प्रेमियों ! आप लोगों ने गुरु महाराज के प्रवचन का पाठ करके जाना कि मनुष्य में मनुष्यता ईश्वर भक्ति करने से ही आती है । इतनी जानकारी के बाद भी अगर और किसी प्रकार का प्रश्न है या कोई शंका है, तो हमें कमेंट करें । इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बताएं और सत्संग ध्यान ब्लॉग को सब्सक्राइब करें ।इससे नए प्रवचन की सूचना आपको मिलते रहेंगे। जो बिल्कुल निशुल्क है।


S155, मनुष्य ईश्वर की भक्ति करें, इसी में मनुष्यता है -महर्षि मेंहीं S155, मनुष्य ईश्वर की भक्ति करें, इसी में मनुष्यता है -महर्षि मेंहीं Reviewed by सत्संग ध्यान on 5/16/2018 Rating: 5

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