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S451, (ख) आपस में मेल से रहो, मेल में बड़ा बल है। बेमेल से नुकसान -महर्षि मेंहीं

प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S451, इसमें  बताया गया है कि आपस में मेल से रहो, मेल में बड़ा बल है। बेमेल से बहुत नुकसान होता है। मेल से रहने के बहुत फायदे हैं। आप किसी से नहीं डरेंगे। आपकी दिनो दिन उन्नति होगी। इसलिए मेल से अवश्य रहें। यह मेल कौन कराता है, सत्य का व्यवहार और ईश्वर की भक्ति । बेमेल रहने से बहुत नुकसान है। कोई भी व्यक्ति आप को पछाड़ सकता है, नुकसान पहुंचा सकता है। इस पर विस्तार से चर्चा किए हैं। यह प्रवचन दो भागों में है। यहां दूसरा भाग प्रस्तुत है। प्रथम भाग पढ़ने के लिए      यहां दबाएं

गंभीरतापूर्वक गुरुदेव
गंभीरतापूर्वक गुरुदेव

प्रवचन चित्र 3
प्रवचन चित्र 3

प्रवचन चित्र समाप्त
प्रवचन समाप्त

     प्रभु प्रेमियों ! आप लोगों ने गुरु महाराज के प्रवचन "आपस में मेल से रहो" का पाठ किया। इसमें आपने जाना कि मेल से रहने के क्या फायदे हैं।  बेमेल से रहने के क्या नुकसान है? इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई सवाल है , तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें , जिससे उनको भी लाभ हो ।


S451, (ख) आपस में मेल से रहो, मेल में बड़ा बल है। बेमेल से नुकसान -महर्षि मेंहीं S451, (ख) आपस में मेल से रहो, मेल में बड़ा बल है। बेमेल से नुकसान -महर्षि मेंहीं Reviewed by सत्संग ध्यान on 5/10/2018 Rating: 5

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