प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S452, इसमें बताया गया है कि वेदों की एक अजीब बात अवश्य जाने- पूर्ण से पूर्ण निकलने के बाद भी पूर्ण ही बचा अर्थात वेदों में ईश्वर के स्वरूप के बारे में कहा गया है कि वह ईश्वर पूर्ण है । उसी ईश्वर से जीवात्मा पूर्ण रूप से निकलने के बाद भी वह ईश्वर पूर्ण के पूर्ण रहा जाता है। उसमें किसी भी प्रकार का कमी बेशी नहीं होता है । इस बात को समझने के लिए इस प्रवचन को पूरा पढ़ें, कई बार पढ़ें।
शांति संदेश कबर |
प्रवचन चित्र |
प्रवचन चित्र दो |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि वेदों की एक अजीब बात- पूर्ण से पूर्ण निकलने के बाद भी पूर्ण ही बचा । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। यह प्रवचन दो पोस्टों में पोस्ट किया गया है। दूसरा भाग पढ़ने के लिए । यहां दबाएं।
S452, (क) वेदों की एक अजीब बात अवश्य जाने- पूर्ण से पूर्ण...
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
5/25/2018
Rating:
कोई टिप्पणी नहीं:
प्रभु प्रेमियों! कृपया वही टिप्पणी करें जो सत्संग ध्यान कर रहे हो और उसमें कुछ जानकारी चाहते हो अन्यथा जवाब नहीं दिया जाएगा।