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S96, (ख) The true meaning of Kabir Bani ।। महर्षि मेंहीं वचनामृत ।। प्रात: दि.14-10-1954ई. मुरादाबाद, U.P.

महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर / 96

 प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर ९६वां, को । इसमें कबीर साहब के निर्गुण भजन के सही मायने क्या है? इस बारे में विशेष रूप से बताया गया है।

इसके साथ ही इस प्रवचन (उपदेश, अमृतवाणी, वचनामृत, सत्संग सुधा, संतवाणी, गुरु वचन, उपदेशामृत, ज्ञान कथा, भागवत वाणी, संतवचन, संतवचन-सुधा, संतवचनामृत, प्रवचन पीयूष ) में पायेंगे कि- कबीर बाणी का सही मर्मार्थ और ईश्वर भक्ति। संतों की बाणीओं का अर्थ करना केवल विद्वता का काम नहीं है । इसके लिए साधना और संतों के पारिभाषिक शब्दों को समझना जरूरी है। इसके साथ ही ईश्वर भक्ति कैसे करें, इत्यादि बातें। इन बातों को जानने-समझने के पहले, आइए !  संत सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज का दर्शन करें। 

इसी प्रवचन को लेख रूप में पढ़ने के लिए   यहां दबाएं।

कबीर वाणी पर  प्रकाशित प्रवचन का शांति संदेश कबर

कबीर बानी का सही अर्थ

सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज कहते हैं कि- प्यारे लोगो ! कबीर साहब की निस्बत विद्वान लोग कहते हैं कि वे बहुश्रुत थे । इससे वे ज्ञान - ध्यान की बात बहुत जानते थे । .....इस तरह प्रारंभ करके गुरुदेव----The secret of Saint Kabir's knowledge, the discussion of zero meditation in Srimad Bhagwat, when should one meditate, only scholarly meaning cannot mean Santwani, what is the poignant meaning of Kabir Bani, what is the birth and death in Kabir Vani? Essentials of Bhajan, need of Guru,......आदि बातों पर विशेष प्रकाश डालते हैं। इन बातों को अच्छी तरह समझने के लिए पढ़ें-


96. मुरादाबाद का प्रवचन प्रात: दि.14-10-1954ई


मुरादाबाद उत्तर प्रदेश में प्रवचन करते सतगुरु महर्षि मेंहीं
मुरादाबाद प्रवचन चित्र एक


मुरादाबाद का प्रवचन चित्र दो समाप्त
मुरादाबाद का प्रवचन चित्र 2 समाप्त


इस प्रवचन के बाद वाले प्रवचन नंबर 97 को पढ़ने के लिए   यहां दबाएं। 


प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि संत कबीर साहब के ज्ञानी होने का राज, श्रीमद्भागवत में शून्य ध्यान की चर्चा, ध्यान कब करना चाहिए, केवल विद्वता से संतवाणी का अर्थ नहीं हो सकता, कबीर बानी का मार्मिक अर्थ, कबीर वाणी में जन्मना और मरना क्या है? भजन करने की अनिवार्यता, गुरु की आवश्यकता,  इतनी जानकारी के बाद भी अगर कोई संका या प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने  इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। उपर्युक्त प्रवचन का पाठ निम्न वीडियो में किया गया है। 




सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के विविध विषयों पर विभिन्न स्थानों में दिए गए प्रवचनों का संग्रहनीय ग्रंथ महर्षि मेंहीं सत्संग-सुधा सागर
महर्षि मेंहीं सत्संग-सुधा सागर
अगर आप "महर्षि मेंहीं सत्संग-सुधा सागर"' पुस्तक से महान संत सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस  जी महाराज के  अन्य प्रवचनों के बारे में जानना चाहते हैं या इस पुस्तक के बारे में विशेष रूप से जानना चाहते हैं तो   यहां दबाएं।

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S96, (ख) The true meaning of Kabir Bani ।। महर्षि मेंहीं वचनामृत ।। प्रात: दि.14-10-1954ई. मुरादाबाद, U.P. S96, (ख) The true meaning of Kabir Bani ।। महर्षि मेंहीं वचनामृत ।।  प्रात: दि.14-10-1954ई. मुरादाबाद, U.P. Reviewed by सत्संग ध्यान on 6/27/2018 Rating: 5

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