S90, (ख) परमात्मा से प्रेम कैसे करे ।। संसार में कैसे रहे ।। सद्गुरु महर्षि मेँहीँ उपदेशामृत ।। १७.७.१९५४ ई०
महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर / 90
प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर ९० के बारे में। इसमें बताया गया है कि प्रभु व्यापक सर्वत्र समाना । प्रेम से प्रगट होहीं मैं जाना । " .रामचरितमानस में भगवान शंकर के वचन है । परमात्मा से प्रेम कैसे करें? हमलोंग संसार मे रहते हुए भी परमात्मा से प्रेम कैसे करें?
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परमात्मा से प्रेम कैसे करे ।। संसार में कैसे रहे ।
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज कहते हैं कि- धर्मानुरागिनी प्यारी जनता ! जब किसी प्रकार का दुःख नहीं ज्ञात होता है , तब लोग अपना कल्याण मानते हैं ;........ इस तरह प्रारंभ करके गुरुदेव----कल्याण से लोग क्या समझते हैं? लोगों का कल्याण कैसे हो सकता है? भक्ति में किसकी प्रधानता है? कबीर वाणी में सीस उतारै भूइँ धरै में सीस का मतलब क्या है? बड़े बड़े ज्ञानी का मतलब क्या है? बलख बुखारे का बादशाह इब्राहिम फकीर क्यों हो गया था? प्रत्येक व्यक्ति को कैसा होना चाहिए? इब्राहिम फकीर का अहंकार कैसे छूटा? लोग ईश्वर को कैसा समझते हैं? ईश्वर का साक्षात दर्शन करने से क्या होता है? संसार में ईश्वर के रूप में किसे देखते हैं? ईश्वर का सूक्ष्म स्वरूप क्या है? व्यवहारिक ज्ञान के बारे में ग्रंथों में कैसा वर्णन है?....आदि बातों पर विशेष प्रकाश डालते हैं। इन बातों को अच्छी तरह समझने के लिए निम्नलिखित चित्रों में पढ़ें-
इस प्रवचन के बाद वाले प्रवचन नंबर 91 को पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि व्यवहारिक ज्ञान, अहंकार रहित जीवन, ईश्वर प्राप्ति हो लक्ष्य और संत सतगुरु को ईश्वर मानकर चलना, कल्याणकारी जीवन की मूल बातें हैं। इत्यादि बातें। इतनी जानकारी के बाद भी अगर कोई संका या प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। उपर्युक्त प्रवचन का पाठ निम्न वीडियो में किया गया है।
महर्षि मेंहीं सत्संग-सुधा सागर |
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S90, (ख) परमात्मा से प्रेम कैसे करे ।। संसार में कैसे रहे ।। सद्गुरु महर्षि मेँहीँ उपदेशामृत ।। १७.७.१९५४ ई०
Reviewed by सत्संग ध्यान
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7/14/2018
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