प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S36, इसमें बताया गया है कि मोक्ष के बारे मेँ, मोक्ष ध्यान करने से होता है, न कि मरने के बाद, स्वर्ग की बात यह है कि हम जो सुभ कर्म करते हैं, उसके पुण्य से स्वर्ग होता है।
प्रवचन चित्र एक |
प्रवचन चित्र दो |
प्रवचन चित्र 3 |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि मोक्ष के बारे मेँ, मोक्ष ध्यान करने से होता है, न कि मरने के बाद । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस प्रवचन के शेष भाग को पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
S36, (क) मरने के बाद क्या होता है- मोक्ष, स्वर्ग या नरक; अवश्य जाने -महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
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7/15/2018
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