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S485, (ख) भगवान के सगुण-साकार दर्शन से सभी दुखों का नाश नहीं -महर्षि मेंहीं

प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S485, इसमें  बताया गया है कि भगवान के सगुण-साकार दर्शन से सभी दुखों का नाश नहीं। लोग भगवान के दर्शन होने पर अपने आपको बहुत भाग्यशाली मानते हैं, लेकिन उतने बड़े भाग्यशाली लोगों के भी हर तरह के दुख और संशय का नाश नहीं हो पाता है। इसलिए गुरु महाराज कहते हैं कि निर्गुण निराकार का दर्शन करो, जिससे हर तरह का संसय और सभी दुखों का नाश हो जाता है। इस प्रवचन के पहले भाग को पढ़ने के लिए         यहां दबाएं।

पूज्यपाद गुरुदेव
पूज्यपाद गुरुदेव


प्रवचन चित्र 3
प्रवचन चित्र 3

प्रवचन समाप्त
प्रवचन समाप्त

      प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि    भगवान के सगुण-साकार दर्शन से सभी दुखों का नाश नहीं । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।


S485, (ख) भगवान के सगुण-साकार दर्शन से सभी दुखों का नाश नहीं -महर्षि मेंहीं S485, (ख) भगवान के सगुण-साकार दर्शन से सभी दुखों का नाश नहीं -महर्षि मेंहीं Reviewed by सत्संग ध्यान on 7/14/2018 Rating: 5

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