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S459, ध्यान की बातें-ज्ञान की बातें- स्थान भेद से अवस्था -महर्षि मेंही प्रवचन

प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S459, इसमें  बताया गया है कि अपने भक्तों पर बहुत दया करके बहुत सी बातें जो साधारण लोगों को सार्वजनिक सभा में नहीं बताना चाहिए वह  बातें भी इस प्रवचन में बताया गया है। यह गुरुदेव की बहुत बड़ी कृपा हुई है वहां के सत्संगियों पर जहां यह सत्संगकार्यक्रम आयोजित हुआ था। 

शांति संदेश
शांति संदेश

प्रवचन चित्र एक
प्रवचन चित्र एक

प्रवचन चित्र दो
प्रवचन चित्र दो

प्रवचन चित्र 3
प्रवचन चित्र 3

प्रवचन समाप्त
प्रवचन समाप्त

     प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि  अपने भक्तों पर बहुत दया करके बहुत सी बातें जो साधारण लोगों को सार्वजनिक सभा में नहीं बताना चाहिए वह  बातें भी इस प्रवचन में बताया गया है  । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।

S459, ध्यान की बातें-ज्ञान की बातें- स्थान भेद से अवस्था -महर्षि मेंही प्रवचन S459, ध्यान की बातें-ज्ञान की बातें- स्थान भेद से अवस्था -महर्षि मेंही प्रवचन Reviewed by सत्संग ध्यान on 7/20/2018 Rating: 5

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