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S487, संतमत की साधना- मानस जप,मानस ध्यान,दृष्टि साधन व नादानुसंधान -महर्षि मेंहीं

प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S487 वां, इसमें  बताया गया है कि सभी दुखों से छुटकारा के लिए ईश्वर की भक्ति करें।  ईश्वर की भक्ति (मोक्ष पाने) के लिए मानस जप,मानस ध्यान,दृष्टि साधन व नादानुसंधान करें, ईश्वर की भक्ति करने से क्या फायदा है? हमें ईश्वर का दर्शन कहां होगा और कैसे होगा ?

शांति संदेश कबर
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प्रवचन चित्र
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प्रवचन समाप्त
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     प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि  सभी दुखों से छुटकारा के लिए ईश्वर की भक्ति करें  । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।


S487, संतमत की साधना- मानस जप,मानस ध्यान,दृष्टि साधन व नादानुसंधान -महर्षि मेंहीं S487, संतमत की साधना- मानस जप,मानस ध्यान,दृष्टि साधन व नादानुसंधान -महर्षि मेंहीं Reviewed by सत्संग ध्यान on 7/23/2018 Rating: 5

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