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S48, (ख) खानपान का प्रभाव मन पर पड़ता है। --सद्गुरु महर्षि मेंहीं

महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर / 48

     प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज  के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 48वां, में  बताया गया है कि  खानपान का प्रभाव मन पर पड़ता है। 

इस प्रवचन (उपदेश, अमृतवाणी, वचनामृत, सत्संग सुधा, संतवाणी, गुरु वचन, उपदेशामृत, ज्ञान कथा, भागवत वाणी, संतवचन, संतवचन-सुधा, संतवचनामृत, प्रवचन पीयूष )  में बताया गया है कि- पापों का नाश नहीं होता है, पाप या पुण्य कई तरह के होते हैं, भजन और भोजन में बड़ा मेल है, खानपान का प्रभाव मन सहित पूरे शरीर पर होता है, सदाचारी ही भजन कर सकता है और सभी दुखों से छुटकारा पा सकता है।     इत्यादि बातों के साथ-साथ निम्नलिखित प्रश्नों के भी कुछ-न-कुछ समाधान आपको मिलेगा जैसे कि-  संतों का प्रमुख भोजन,विभिन्न भक्तों के प्रसिद्ध व्यंजन, भारत के व्यंजन, कुप्पाघाट का प्रसिद्ध भोजन, पूर्व भारतीय व्यंजन, आश्रम के व्यंजन, बदलता खान पान और हम, प्राचीन भारत का भोजन, खानपान का अर्थ,     इत्यादि बातें। इन बातों को जानने-समझने के पहले, आइए !  संत सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज का दर्शन करें। 

इसी प्रवचन को लेख रूप में पढ़ने के लिए   यहां दवाएं।


Catering Food-effect खानपान का प्रभाव मन पर पड़ता है । विषय पर प्रवचन करते सद्गुगुरु महर्षि मेंहीं
भोजन के बाद टहलते हुए गुरुदेव

खानपान का प्रभाव मन पर पड़ता है।

     "जैसा खाए अन्न, वैसा होए मन।" और "जैसा पिवें पानी,  वैसी बोलै बाणी।" यह कहावत बहुत प्रसिद्ध है इसके इसके अनुसार खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए । अतः खान-पान के बारे में विशेष जानकारी प्राप्त करने के लिए सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के निम्नांकित चित्रों में लिखे प्रवचन को पढ़ेंं-

महर्षि मेंही प्रवचन चित्र एक
महर्षि मेंही प्रवचन चित्र एक

महर्षि मेंहीं प्रवचन चित्र दो
महर्षि मेंही प्रवचन चित्र दो।

महर्षि मेंही प्रवचन चित्र तीन
महर्षि मेंही प्रवचन चित्र 3


इस प्रवचन के बाद वाले प्रवचन नंबर 49 को पढ़ने के लिए  यहां दबाएं।


प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि   पापों का नाश नहीं होता है, पाप या पुण्य कई तरह के होते हैं, भजन और भोजन में बड़ा मेल है, खानपान का प्रभाव मन सहित पूरे शरीर पर होता है, सदाचारी ही भजन कर सकता है और सभी दुखों से छुटकारा पा सकता है। । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का  सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।




सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के विविध विषयों पर विभिन्न स्थानों में दिए गए प्रवचनों का संग्रहनीय ग्रंथ महर्षि मेंहीं सत्संग-सुधा सागर
महर्षि मेंहीं सत्संग-सुधा सागर
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S48, (ख) खानपान का प्रभाव मन पर पड़ता है। --सद्गुरु महर्षि मेंहीं S48, (ख)  खानपान का प्रभाव मन पर पड़ता है। --सद्गुरु महर्षि मेंहीं Reviewed by सत्संग ध्यान on 9/18/2020 Rating: 5

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