महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" / 209 ग
प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 209 वां,इसमें बताया गया है कि ईश्वर भक्ति में सफलता के लिए परहेज जरूरी है, वह परहेज क्या-क्या है? इस प्रर्वचन के दूसरे भाग को पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
पूज्यपाद गुरुदेव |
प्रवचन चित्र 7 |
प्रवचन चित्र 8 |
प्रवचन समाप्त |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि ईश्वर भक्ति में सफलता के लिए परहेज जरूरी है, वह परहेज क्या-क्या है? इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।
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S209, (ग) ईश्वर-भक्ति रोचकता और यथार्थता। -सद्गुरु महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
8/29/2018
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