महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" / 498
प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 398 वां,इसमें बताया गया है कि मनुष्य शरीर ही स्वर्ग, नरक और मोक्ष में जाने की सीढ़ी हैं।
शांति संदेश कबर |
स्वर्ग जाने की सीढ़ी-
प्रभु प्रेमियों ! बाहर में ऐसा कोई सीढ़ी नहीं है, जिस पर चढ़ कर मोक्ष तक की सफ़र किया जाए। लेकिन गुरु के बताए मार्ग के अनुसार जाने से स्वर्ग अवश्य पहुंच जाएंगे। बल्कि स्वर्ग से भी अच्छा स्थान मोक्ष में चले जाएंगे । इन्हीं बातों की चर्चा करते हुए गुरु महाराज निम्न विषयों पर बताने की कृपा की है।
प्रवचन चित्र |
मनुष्य शरीर की विशेषता, मनुष्य शरीर स्वर्ग नरक और मोक्ष में जाने की सीढ़ी हैं, संसार की स्थिति, सत्संग करने का आदत,सत्संग का लसंग, सत्संग की आवश्यकता, सत्संग घर, सत्संग मंदिर, संतवाणी, संत नामदेव की वाणी अर्थ सहित, सर्वाभूति पाहे एक, तीर्थ स्थल,तीर्थस्थल कितने हैं, मानस तीर्थ क्या है,मानस तीर्थ,मानस तीर्थ का वर्णन,मानस तीर्थ क्या है
प्रवचन समाप्त |
संत नामदेव के भजन अर्थ सहित |
सूक्ति-कण तीर्थ महिमा |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि मनुष्य शरीर ही स्वर्ग, नरक और मोक्ष में जाने की सीढ़ी हैं । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।
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S498, मनुष्य शरीर ही स्वर्ग, नरक और मोक्ष में जाने की सीढ़ी हैं, -महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
8/30/2018
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