महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर / 464
प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S464 वां, में बताया गया है कि मरने के बाद कहां जाएंगे? इसके लिए अभी से तैयारी करें।गुरु महाराज का समाधि |
मरने के बाद कहां जाएंगे ?
इस प्रवचन में गुरु महाराज संत कबीर साहब की बाणी "मोरे जीयरा वड़ा अन्देशवा, मुसाफिर जैहौ कौनी और" का हवाला देते हुए कहते हैं कि- मरने के बाद कहां जाएंगे? इसकी जानकारी अभी से प्राप्त कर लेना चाहिए? कहांं जाएंगे? वहांं क्या सुख-दुख होता है? आदि बातों कीी जानकारी करके उसकी तैयारी भी करनी चाहिए। पढ़ें-
प्रवचन चित्र एक |
मरने के बाद कहां जाएंगे। इस प्रश्न का उत्तर बहुत से लोग बहुत प्रकार के देते हैं। लेकिन सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज यहां बताते हैं कि हमें क्या करना चाहिए। हमारे लिए सर्वोत्तम क्या है? संतों ने इस पर क्या कहा है?
प्रवचन समाप्त |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि मरने के बाद कहां जाएंगे? इसके लिए अभी से तैयारी करनी चाहिए । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।
S464, मरने के बाद कहां जाएंगे? इसके लिए अभी तैयारी करें। -सद्गुरु महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
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8/11/2018
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