महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" / 492
प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 492 वां,इसमें बताया गया है कि ईश्वर और सदगुरु महाराज की कृपा की अनुभूति गुरु के कृपा से ही होती है। गुरु महाराज अपनी यह चमत्कारिक बात छुपाते हुए बताते हैं। गुरु महाराज स्वयं ही लीला किए थे। उसी लीला का कुछ दर्शन गुरु महाराज अपने मुंह से किये हैं और कुछ सत्संग की बातों पर चर्चा करते हैं।
पूज्य गुरुदेव |
ईश्वर और सदगुरु महाराज की कृपा की अनुभूति
इस प्रवचन में गुरु महाराज के एक चमत्कार का वर्णन हुआ है। जो गुरु महाराज स्वयं ही वर्षा को रोक दिए थे और लोगों को घर जाने के आदेश देने के बाद, जब लोग घर चले गए तो बहुत जबरदस्त बारिश हुई थी।प्रवचन चित्र |
शांति संदेश कबर |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि ईश्वर और सदगुरु महाराज की कृपा की अनुभूति गुरु के कृपा से ही होती है । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।
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S492, गुरु और ईश्वर की महिमा का प्रत्यक्ष अनुभूति -महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
9/07/2018
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