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S393, गुरु महाराज का प्रवचन हिंदी में, सत्संग किसे कहते हैं? दि. 08-01-1978 ई.

महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" / 393

       प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 393 वां,इसमें बताया गया है कि सत्संग किसे कहते हैं?

पूज्य पाद गुरुदेव
पूज्यपाद गुरुदेव



सत्संग किसे कहते हैं?

     संतों का संग और सत्संग क्यों करना चाहिए? सत्संग करने के क्या फायदे हैं? सत्संग किसे कहते हैं? सत् क्या है? सत्संग कैसे करना चाहिए? इन सारे प्रश्नों का जवाब गुरु महाराज के  निम्न प्रवचन चित्रों से आपको मिलेगा-

शांति संदेश खबर
शांति संदेश खबर

प्रवचन चित्र सत्संग किसे कहते हैं-1
प्रवचन चित्र सत्संग किसे कहते हैं?

प्रवचन चित्र सत्संग किसे कहते हैं-2
प्रवचन चित्र सत्संग किसे कहते हैं -2
 
प्रवचन चित्र सत्संग किसे कहते हैं- समाप्त
प्रवचन चित्र सत्संग किसे कहते हैं- समाप्त


     प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि  संतों का संग और सत्संग क्यों करना चाहिए? सत्संग करने के क्या फायदे हैं? सत्संग किसे कहते हैं? सत् क्या है? सत्संग कैसे करना चाहिए  । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।


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S393, गुरु महाराज का प्रवचन हिंदी में, सत्संग किसे कहते हैं? दि. 08-01-1978 ई. S393, गुरु महाराज का प्रवचन हिंदी में, सत्संग किसे कहते हैं? दि. 08-01-1978 ई. Reviewed by सत्संग ध्यान on 10/13/2018 Rating: 5

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