S453, (क) सत्संग करना ईश्वर की भक्ति है। -महर्षि मेंहीं
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सत्संग ध्यान
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5/07/2018
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S356, जहां बिंदु और नाद की उपासना नहीं होती है, वह संतमत नहीं है।-महर्षि मेंहीं
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5/03/2018
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S448, (ख) संत सुखी मन जीती हो-सद्गुरु महर्षि मेंहीं
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4/12/2018
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5
S448, (क) संत सुखी मन जीती हो-सद्गुरु महर्षि मेंहीं
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4/12/2018
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S372, संतमत सत्संग के प्रमुख विषय जिस पर प्रवचन होता है -सद्गुरु महर्षि मेंहीं
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4/11/2018
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S334, (ख) ईश्वर भक्ति से परम संतुष्टिदायक सुख -सद्गुरु महर्षि मेंहीं
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4/10/2018
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S334, (क) ईश्वर भक्ति से परम संतुष्टिदायक सुख की प्राप्ति -सद्गुरु महर्षि मेंहीं
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4/10/2018
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5