'वेद-उपनिषद, गीता-रामायण, भागवत-गुरु ग्रंथ इत्यादि के वचनों से प्रमाणित सद्गुरु महर्षि मेंहीं के प्रवचनों द्वारा सत्संग, ध्यान, गुरु, ईश्वर इत्यादि विषयों पर चर्चा का ब्लॉग'
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S65, भगवान का दर्शन और ऐसी दुर्दशा --सद्गुरु महर्षि मेंहीं
प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-- 'महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर' के प्रवचन नंबर 65 को जिसमे गुरु महाराज ने बताने की कृपा की है कि सगुन भगवान के दर्शन करके भी व्यक्ति सभी दुखों से नहीं छूट सकता । सभी दुखों से छूटने के लिए निर्गुण उपासना करनी चाहिए । वह उपासना कैसे करें? इसके बारे में पढ़ने के पहले, आइए गुरु महाराज का दर्शन करें-
मंदिर में विराजित गुरुदेव
प्रवचन परिचय
प्रवचन चित्र 1
प्रवचन चित्र दो
प्रवचन चित्र 3
प्रवचन चित्र समाप्त
इस प्रवचन के बाद वाले प्रवचन नंबर 66 को पढ़ने के लिए यहां दवाएं।
प्रभु प्रेमियों ! आप लोगों ने गुरु महाराज के प्रवचन को पढ़ा और जाना कि सभी दुखों से छूटने के लिए ईश्वर परमात्मा की भक्ति कैसे करनी है। इस संबंध में ज्यादा जानकारी के लिए गुरु महाराज के बहुत सारे प्रवचन इस ब्लॉग में उपस्थित है। उनको भी पढ़ें और अच्छी तरह से समझ कर इस साधना को शुरू करें । फिर भी समझ में नहीं आये, तो हमें कमेंट करें और यह नीचे का वीडियो देखें।
S65, भगवान का दर्शन और ऐसी दुर्दशा --सद्गुरु महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
3/03/2018
Rating: 5
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प्रभु प्रेमियों! कृपया वही टिप्पणी करें जो सत्संग ध्यान कर रहे हो और उसमें कुछ जानकारी चाहते हो अन्यथा जवाब नहीं दिया जाएगा।
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