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S01 (ख) God's position and nature of practice in Santmat || संतमत में ईश्वर की स्थिति

महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर / 01 (ख)

प्रभु प्रेमियों ! संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S01, में  बताया गया है कि संतमत में ईश्वर की स्थिति और साधना का स्वरूप क्या है ? संतमत में ईश्वर के स्वरूप के बारे में क्या कहा गया है ? ईश्वर कैसा है? उसे कैसे प्राप्त कर सकते हैं ? ईश्वर प्राप्ति का सही मार्ग क्या है ? क्या उसे साधना के द्वारा प्राप्त कर सकते हैं, तो वह साधना कौन सा है? संतमत तथा वेद उपनिषदों में ईश्वर का स्वरूप कैसा है?

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S01, (ख) God's position and nature of practice in Santmat  -महर्षि मेंहीं। संतमत में ईश्वर की स्थिति
संतमत में ईश्वर की स्थिति

संतमत में ईश्वर की स्थिति

संतमत में ईश्वर की स्थिति क्या है? Satsanga dhyan,Satsanga meditation, Sadhguru Maharshi discourses, discourses of Guru Maharaj, Saintmat satsang, discourse of Guru Maharaj, Gurudev discourse, satsang Sudha, guru verse, In Baba's discourse, sermon in Maharishi, Paramahansa in Maharishi,Maharishi Vani, Santamat, Satsanga Mahima, inspirational thoughts of Mahaparosh, precious words of great men, thoughts of saints, saints saint, thoughts of Indian saints, discourses in Maharishi, current teacher, Satsanga Suman, God in Saintmat इस पर विस्तार से चर्चा इस प्रवचन में किया गया हैं। यह प्रवचन को दो भागों में पोस्ट किया जा रहा है प्रथम भाग में 'महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर' से छपा प्रवचन है और दूसरे भाग में शांति संदेश में प्रकाशित प्रवचन। यहां शांति संदेश में प्रकाशित प्रवचन प्रस्तुत है-
S01, (ख) God's position and nature of practice in Santmat  -महर्षि मेंहीं। संतमत में ईश्वर की स्थिति प्रवचन चित्र 1
संतमत में ईश्वर की स्थिति प्रवचन चित्र एक

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संतमत में ईश्वर की स्थिति प्रवचन चित्र दो

S01, (ख) God's position and nature of practice in Santmat  -महर्षि मेंहीं। संतमत में ईश्वर की स्थिति प्रवचन चित्र 3
संतमत में ईश्वर की स्थिति प्रवचन चित्र 3

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संतमत में ईश्वर की स्थिति प्रवचन चित्र 4

 महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा-सागर में प्रकाशित प्रवचन (प्रथम संसकरण)-- 

अमृता भारती मेंही सत्संग सुधा सागर प्रवचन नंबर 1 क
अमृता भारती मेंही सत्संग सुधा सागर प्रवचन नंबर 1 क

अमृता भारती मेंही सत्संग सुधा सागर प्रवचन नंबर 1 ख
अमृता भारती मेंही सत्संग सुधा सागर प्रवचन नंबर 1 ख

अमृता भारती मेंही सत्संग सुधा सागर प्रवचन नंबर 1 ग
अमृता भारती मेंही सत्संग सुधा सागर प्रवचन नंबर 1 ग

अमृता भारती मेंही सत्संग सुधा सागर प्रवचन नंबर 1 घ
अमृता भारती मेंही सत्संग सुधा सागर प्रवचन नंबर 1 घ


 इस प्रवचन के बाद वाले प्रवचन नं S02, का पाठ करने के लिए      यहां दबाएं। 


प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि आत्मा का स्वरूप क्या है? आत्म कल्याण हेतु सर्वोत्कृष्ट साधन क्या है? संतमत में ईश्वर की स्थिति और साधना का स्वरूप क्या है ? संतमत में ईश्वर के स्वरूप के बारे में क्या कहा गया है ? ईश्वर कैसा है? उसे कैसे प्राप्त कर सकते हैं ? ईश्वर प्राप्ति का सही मार्ग क्या है ? क्या उसे साधना के द्वारा प्राप्त कर सकते हैं, तो वह साधना कौन सा है? इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। निम्न वीडियो में इस प्रवचन का पाठ किया गया है।



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S01 (ख) God's position and nature of practice in Santmat || संतमत में ईश्वर की स्थिति S01 (ख) God's position and nature of practice in Santmat || संतमत में ईश्वर की स्थिति  Reviewed by सत्संग ध्यान on 5/09/2018 Rating: 5

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