S84, (ख) ईश्वर कौन है ।। असली भक्ति ।। भक्ति-सुख का नमूना ।। महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा ।। 06-05-1954ई.
महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर / 84
प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर ८४ के बारे में। इसमें बताया गया है कि श्राद्ध क्रिया किस बात को जनाता है? ईश्वर की असली भक्ति क्या है? ईश्वर भक्ति से कैसा सुख मिलता है? ईश्वर कौन है? ध्यान-जनित सुख का नमूना क्या है ? संतों ने ईश्वर की प्राप्ति के लिए बहुत जोड़ दिया है, तो वह ईश्वर कैसा है? उसे कैसे पायेंगे? साधन क्या है? परहेज़ क्या है? ईश्वर कौन है? ध्यान-जनित सुख कैसा होता है? इन बातों का उत्तर इसमें मिल जाएगा ।
इसी प्रवचन को लेख रूप में पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज कहते हैं कि- धर्मानुरागिनी प्यारी जनता ! संतों के मत में यह अत्यंत आग्रह है कि सब लोगों को ईश्वर से मिलना चाहिए । ..... इस तरह प्रारंभ करके गुरुदेव----संतलोग किस बात पर जोर देते हैं? रूप क्या है? ईश्वर क्या है? जीवात्मा के शरीर से निकलने पर क्या होता है? श्राद्ध क्रिया किस बात को जनाता है? शरीर में रहने पर क्या-क्या होता है? ईश्वर को कौन पहचानेगा ? परमात्मा कैसा है? ईश्वर की असली भक्ति क्या है? ईश्वर भक्ति से कैसा सुख मिलता है? चेतन-आत्मा परमात्मा को कैसे पहचानेगी ? चेतन आत्मा पर कितने तरह का आवरण है? संतों के ज्ञान का रहस्य क्या है? भोजन कितना करना चाहिए? ध्यान कैसे करें? ध्यान में तरक्की के लिए संयम क्या है?.....आदि बातों पर विशेष प्रकाश डालते हैं। इन बातों को अच्छी तरह समझने के लिए पढ़ें-।
इस प्रवचन के बाद वाले प्रवचन नंबर 85 को पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि What does Shraddha Kriya celebrate? What is real devotion to God? What happiness comes from devotion to God? Who will recognize God? What is the restraint to progress in meditation? इत्यादि बातें। इतनी जानकारी के बाद भी अगर कोई संका या प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। उपर्युक्त प्रवचन का पाठ निम्न वीडियो में किया गया है।
महर्षि मेंहीं सत्संग-सुधा सागर |
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S84, (ख) ईश्वर कौन है ।। असली भक्ति ।। भक्ति-सुख का नमूना ।। महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा ।। 06-05-1954ई.
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
7/06/2018
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