महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" / 140 ख
प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 140 वां,इसमें बताया गया है कि ईश्वर कैसा है? उसे कौन देखेगा ? कैसे देखेगा? ईश्वर दर्शन क्यों करें? ईश्वर की प्राप्ति कैसे होगी ? ईश्वर दर्शन के फायदे करता है। इस प्रवचन के पहले भाग को पढ़ने के लिए
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शांति संदेश कबर |
ईश्वर क्यों है?
अब तक हम लोगों ने ईश्वर के बारे में जानकारी प्राप्त किया कि ईश्वर कैसे हैं? कहां हैं? कैसे मिलेंगे? और किनको को मिलेंगे। अब आगे के प्रवचन में हम लोग जानेंगे कि कुछ लोग ईश्वर को इंद्रियगम नहीं होने के कारण मानते ही नहीं है।
प्रवचन चित्र 4 |
प्रभु प्रेमियों ! यह क्या सवाल बड़ा ही दिलचस्प है कि ईश्वर क्यों है? क्योंकि उन्होंने ही सारा संसार बनाया है और उनकी ही एकमात्र सत्ता है । इसलिए वह क्यों है ? यह कहना कठिन है। सब कुछ तो उन्हीं का है और वे स्वयं ही सब कुछ बने हुए ।
प्रवचन समाप्त |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि ईश्वर कैसा है? उसे कौन देखेगा ? कैसे देखेगा? ईश्वर दर्शन क्यों करें । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।
S140, (ख) ईश्वर कौन, कैसा और क्यों है।। ईश्वर दर्शन क्यों और कैसे करें।।
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
8/13/2018
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