महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" / 499
प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 499 वां, इस प्रवचन में गुरु महाराज स्वयं जप करके अपने प्रेमी लोगों को बताया है और भजन सिमरन करने के समय को खराब नहीं करने की हिदायत दी है-
जाप बताते हुए गुरुदेव |
LIVE : सिमरन कैसे करें-
ध्यान करने के पहले जप करें। जप कैसे करना है तो गुरु महाराज स्वयं मंत्र जाप करके बताते हैं और सबको हिदायत देते हैं कि सत्संग ध्यान के समय को खराब नहीं करें। सत्संग में कैसे करें? इस पर भी चर्चा है।
प्रवचन चित्र |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि भजन सिमरन करने के समय को खराब नहीं करते हुए जीवन में सत्संग और ध्यान करते रहना चाहिए । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।
S499, LIVE : सिमरन कैसे करें, मानसिक जप और सत्संग कैसे करें -महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
10/04/2018
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