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S264, महर्षि मेंहीं pravachan/dhyan ke fayde/ईश्वर भक्ति

महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" / 264,

       प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 264, वां, इसमें बताया गया है कि ईश्वर की भक्ति करना नगद सौदा है । ईश्वर की भक्ति कैसे करें ?

गुरु महाराज का प्रवचन पाठ करते रविंद्र बाबा
गुरु महाराज का प्रवचन पाठ करते रविंद्र बाबा




ईश्वर भक्ति कैसे करें?

      ईश्वर की भक्ति कैसे करें ? इसके लिए आपको ध्यान करने की प्रक्रिया को समझना पड़ेगा । जो मानस जप,  मानस ध्यान, दृष्टि साधन और नादानुसंधान के द्वारा किया जाता है।इन बातों के लिए इस प्रवचन को पूरे मन से पढ़ें, सुने-

गुरु महाराज का प्रवचन 264, नगद सौदा
गुरु महाराज का प्रवचन 264, नगद सौदा

      प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि   ईश्वर की भक्ति कैसे करें ?  इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।


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S264, महर्षि मेंहीं pravachan/dhyan ke fayde/ईश्वर भक्ति S264, महर्षि मेंहीं pravachan/dhyan ke fayde/ईश्वर भक्ति Reviewed by सत्संग ध्यान on 11/11/2018 Rating: 5

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