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S267, महर्षि मेंहीं pravachan/मन का स्वरुप क्या है?Spirit in Indian Philosophy

महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" / 267
        प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 267 वां,इसमें बताया गया है कि मन का स्वरुप क्या है? चेतन आत्मा का चिन्तन? भारतीय दर्शन में आत्मा का स्वरूप क्या है?
महर्षि मेंहीं साहित्य भंडार,
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मन का स्वरुप क्या है?

    मन का स्वरुप क्या है? चेतन आत्मा का चिन्तन, भारतीय दर्शन में आत्मा क्या है? विशेष जानकारी के लिए इस प्रवचन को पूरा पढें-

महर्षि मेंही सत्संग सुधा सागर प्रवचन 267
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महर्षि मेंही सत्संग सुधा सागर प्रवचन 267
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महर्षि मेंही सत्संग सुधा सागर प्रवचन 267

       प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि   मन का स्वरुप क्या है? चेतन आत्मा का चिन्तन? भारतीय दर्शन में आत्मा का स्वरूप क्या है? इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। 


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S267, महर्षि मेंहीं pravachan/मन का स्वरुप क्या है?Spirit in Indian Philosophy S267, महर्षि मेंहीं pravachan/मन का स्वरुप क्या है?Spirit in Indian Philosophy Reviewed by सत्संग ध्यान on 11/13/2018 Rating: 5

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