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S21, Importance of our country India, Bhasha-Bharati and our literature -सतगरु महर्षि मेंहीं अमृतवाणी

महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" /21

      प्रभु प्रेमियों ! संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 21 वां, भारत देश के, बिहार राज्य के पूर्णियां जिलांतर्गत माध्यमिक विद्यालय बनमनखी में हुई 14 वां साहित्य सम्मेलन कार्यक्रम में दिनांक- 01-06-1952 ई. को  अपराह्न काल में हुआ था। --पूज्यपाद स्वामी श्री संतसेवी जी महाराज   ।
इस संतमत प्रवचन में आप जानेंगे--हमारा देश,हमारा देश का गौरव,हमारा देश गौरवशाली है,हमारा देश भारत हिंदी में,हमारा देश कैसा है,मेरा देश भारत,भारत के नाम,भारत की भाषा,भारत देश के बारे में जानकारी,भारत का नाम भारत क्यों पड़ा,भारत का नाम भारत किसने रखा था,भारत का नाम आर्यावर्त कैसे पड़ा,भारत के लिए इंडिया,भारत को भारतवर्ष क्यों कहा जाता है,हमारे देश का नाम भारत किसके नाम पर पड़ा,भारत के अन्य नाम,  आदि के बारे में

S21, Importance of our country India, Bhasha-Bharati and our literature -सतगरु महर्षि मेंहीं अमृतवाणी। 14वां साहित्य सम्मेलन में प्रवचन करते गुरुदेव
14वां साहित्य सम्मेलन में प्रवचन करते गुरुदेव

Importance of our country India, Bhasha-Bharati and our literature

 सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज कहते हैं कि-- अपने देश का नाम भारत और अपनी भाषा का नाम भारती ही उचित है। 14वां साहित्य सम्मेलन में अपनी नम्रता का प्रदर्शन करते हुए, गुरु महाराजअपने देश की भाषा एवं साहित्य पर विशेष रूप से बचन कहे हैं। इन बातों को बिशेष रूप से जानने के लिए इस प्रवचन को पूरा पढें--

S21, Importance of our country India, Bhasha-Bharati and our literature -सतगरु महर्षि मेंहीं अमृतवाणी। भारत देश की भाषा और साहित्य प्रवचन चित्र एक
भारत देश की भाषा और साहित्य प्रवचन चित्र एक

S21, Importance of our country India, Bhasha-Bharati and our literature -सतगरु महर्षि मेंहीं अमृतवाणी। भारत देश की भाषा और साहित्य प्रवचन चित्र दो
भारत देश की भाषा और साहित्य प्रवचन चित्र दो

S21, Importance of our country India, Bhasha-Bharati and our literature -सतगरु महर्षि मेंहीं अमृतवाणी। भारत देश की भाषा और साहित्य प्रवचन चित्र 3
भारत देश की भाषा और साहित्य प्रवचन चित्र 3

S21, Importance of our country India, Bhasha-Bharati and our literature -सतगरु महर्षि मेंहीं अमृतवाणी। भारत देश की भाषा और साहित्य प्रवचन चित्र 4
भारत देश की भाषा और साहित्य प्रवचन चित्र 4

S21, Importance of our country India, Bhasha-Bharati and our literature -सतगरु महर्षि मेंहीं अमृतवाणी। भारत देश की भाषा और साहित्य प्रवचन समाप्त
भारत देश की भाषा और साहित्य प्रवचन समाप्त

प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि भारत का नाम भारत क्यों पड़ा,भारत का नाम भारत किसने रखा था,भारत का नाम आर्यावर्त कैसे पड़ा,भारत के लिए इंडिया,भारत को भारतवर्ष क्यों कहा जाता है आदि बारे में। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का  सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। उपर्युक्त प्रवचन का पाठ निम्न वीडियो में किया गया है।


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जय गुरु।

S21, Importance of our country India, Bhasha-Bharati and our literature -सतगरु महर्षि मेंहीं अमृतवाणी S21, Importance of our country India, Bhasha-Bharati and our literature -सतगरु महर्षि मेंहीं अमृतवाणी Reviewed by सत्संग ध्यान on 9/14/2019 Rating: 5

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