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S09, (ख) Story of greedy king and self-supporting life. बाबा देवी साहब के संस्मरण

महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर /09 ख

प्रभु प्रेमियों ! संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 09 वां में सत्संग की महिमा और मोक्ष प्राप्ति के विषय में विशेष रूप से चर्चा किया गया है। 

इस संतमत प्रवचन में आप जानेंगे-- मोक्ष के लिए ध्यानाभ्यास आवश्यक,मोक्ष,मोक्ष प्राप्ति के साधन,मोक्ष की आवश्यकता,सत्संग प्रचार,सत्संग का प्रचार,ज्ञान का प्रचार भी करना चाहिए,सत्संग क्या है, संतमत क्या है,सत्संग की महिमा,अखिल भारतीय संतमत सत्संग,सत्संग प्रवचन कथा,स्वावलंबी जीवन,स्वावलंबन चे महत्व,स्वावलंबन पर कहानी,स्वावलंबन का अर्थ हिंदी में,स्वावलंबी होना अर्थ,लालची कहानी,लालची राजा की कहानी,बच्चों की कहानियां,लालची वाली कहानी,यह शरीर संसार रुपी सराय की संपत्ति है, ध्यान का सही तरीका, आदि के बारे में। इन बातों को जानने के पहले आइए गुरु महाराज का दर्शन करें-

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Story of greedy king and self-supporting life. बाबा देवी साहब के संस्मरण पर चर्चा करते सद्गुरु महर्षि मेंही
लालची राजा की कथा कहते गुरुदेव

Story of greedy king and self-supporting life

सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज कहते हैं कि- सत्संग का प्रचार-प्रसार कैसे करना चाहिए ? सत्संग क्या है ? संतमत क्या है? इस पर भी चर्चा होना चाहिए। कैसा भी मनुष्य हो ध्यान अवश्य करें । स्वाबलंबी जीवन के लिए कोई काम अवश्य करना चाहिए। 40 साल तक कमाना चाहिए। लालची राजा की कथा का दृष्टांत देते हुए कहते हैं कि मनुष्य कम इच्छा रखकर, संतोषी बनके संसार से छूटने का, मुक्ति पाने का उपाय कर सकता है । शरीर और संसार में समानता है। मोक्ष प्राप्ति की क्या-क्या बातें हैं? जब ध्यान कैसे करना चाहिए? उसका सही तरीका क्या है? पूरी जानकारी के लिए इस प्रवचन को पूरा पढें-

मोक्ष और सत्संग प्रवचन चित्र एक
मोक्ष और सत्संग प्रवचन चित्र एक

मोक्ष और सत्संग प्रवचन चित्र दो
सत्संग और मोक्ष प्रवचन चित्र दो

मोक्ष और सत्संग प्रवचन चित्र 3
सत्संग और मोक्ष प्रवचन चित्र 3

मोक्ष और सत्संग प्रवचन चित्र 4
सत्संग और मोक्ष प्रवचन चित्र 4

मोक्ष और सत्संग प्रवचन चित्र 5
सत्संग और मोक्ष प्रवचन चित्र समाप्त

इस प्रवचन के बाद वाले प्रवचन नं.S10, को पढ़ने के लिए  यहां दबाएं।

प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि   स्वावलंबी जीवन,स्वावलंबन चे महत्व,स्वावलंबन पर कहानी,स्वावलंबन का अर्थ हिंदी में,स्वावलंबी होना अर्थ,लालची कहानी,लालची राजा की कहानी,बच्चों की कहानियां,लालची वाली कहानी,यह शरीर संसार रुपी सराय की संपत्ति है,। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का  सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।



सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के विविध विषयों पर विभिन्न स्थानों में दिए गए प्रवचनों का संग्रहनीय ग्रंथ महर्षि मेंहीं सत्संग-सुधा सागर
महर्षि मेंहीं सत्संग-सुधा सागर
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S09, (ख) Story of greedy king and self-supporting life. बाबा देवी साहब के संस्मरण S09, (ख) Story of greedy king and self-supporting life. बाबा देवी साहब के संस्मरण Reviewed by सत्संग ध्यान on 7/06/2018 Rating: 5

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