प्रभु प्रेमियों ! आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 02 रा, के बारे में। इसमें वेद, पुराण और संतमतानुसार, सत्संग की महिमा और ध्यान के फायदे के बारे में विशेष रूप से बताया गया है। इन बातों को समझने के पहले आइए गुरु महाराज का दर्शन करें-
The glory of satsang and the benefits of meditation
सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज कहते हैं कि- मनुष्य के पास समय कम है और कर्त्तव्यों का बहुत बड़ा बोझ है; उन कर्त्तव्यों में से सबसे बड़ा कर्तव्य है- ईश्वर भजन करना। इस कर्त्तव्य को समय पर पूरा कर लेने में ही मनुष्य जन्म की सार्थकता है।पूरी जानकारी के लिए इस प्रवचन को पूरा पढें-
सत्संग की महिमा प्रवचन चित्र एक
सत्संग की महिमा प्रवचन चित्र 2
सत्संग की महिमा प्रवचन चित्र 3
सत्संग की महिमा प्रवचन चित्र 4
महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा-सागर में प्रकाशित प्रवचन no. 2 (प्रथम संसकरण)--
महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर प्रवचन नंबर 2क
महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर प्रवचन नंबर 2ख
महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर प्रवचन नंबर 2ग
इस प्रवचन के बाद वाले प्रवचन नं S03, को पढ़ने के लिए। यहां दबाएं
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि वेद, पुराण और संतमतानुसार, सत्संग की महिमा क्या है । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।
प्रभु प्रेमियों ! उपरोक्त प्रवचन 'महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा सागर"' से ली गई है। अगर आप इस पुस्तक से महान संत सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज के अन्य प्रवचनों के बारे में जानना चाहते हैं या इस पुस्तक के बारे में विशेष रूप से जानना चाहते हैं तो 👉 यहां दबाएं।
सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज की पुस्तकें मुफ्त में पाने के लिए शर्तों के बारे में जानने के लिए. 👉यहां दवाए।
---×---
S02 (ख) The glory of satsang and the benefits of meditation/ वेद, पुराण, संतमत --महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
8/24/2018
Rating: 5
कोई टिप्पणी नहीं:
प्रभु प्रेमियों! कृपया वही टिप्पणी करें जो सत्संग ध्यान कर रहे हो और उसमें कुछ जानकारी चाहते हो अन्यथा जवाब नहीं दिया जाएगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
प्रभु प्रेमियों! कृपया वही टिप्पणी करें जो सत्संग ध्यान कर रहे हो और उसमें कुछ जानकारी चाहते हो अन्यथा जवाब नहीं दिया जाएगा।