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S46, (ख) बिषयों में संतुष्टि नहीं ।। तृप्तिदायक सुख कहां मिलेंगा ।। सद्गुगुरु महर्षि मेंहीं प्रवचन

महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर / 46 ख

प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 46वां, के बारे में। इसमें बताया गया है कि मनुष्य शरीर की विशेषता,बिषय सुख में संतुष्टि नहीं,ध्यान की विधि,ध्यान योग कैसे करना है, ध्यान कैसे लगाएं,ध्यान की शुरुआत,ध्यान करने का सही तरीका, ध्यान करने के तरीके,ध्यान साधना कैसे करें, ध्यान करने के तरीके हिंदी,ध्यान की परिभाषा,ध्यान का अर्थ,ध्यान के लाभ,ध्यान लगाने की विधि, मोक्ष प्राप्ति का मार्ग?

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प्रवचन करते सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज
मनुष्य शरीर की विशेषता पर प्रवचन करते हुए गुरुदेव

बिषयों  में संतुष्टि नहीं ।।  तृप्तिदायक सुख कहां मिलेंगा ?

साधारणतया लोग जो सुख जानते हैं, वह विषय सुख है।  जिसे इंद्रियों के द्वारा भोंगते हैं । इन विषय सुखों से कोई संतुष्ट नहीं हुए और ना होते हैं। इसके लिए ज्ञानियों ने कहा है कि तुम जो संतोषप्रद  नित्य सुख चाहते हो, वह इंद्रियों के सुख में नहीं है। वह ब्रह्म सुख है। बिशेष जानकारी के लिए निम्नलिखित चित्र में गुरु महाराज के वचन पढ़ें-

महर्षि-मेंहीं-प्रवचन-नंबर-46-चित्र-1
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महर्षि-मेंहीं-प्रवचन-नंबर-46-चित्र-2
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महर्षि-मेंहीं-प्रवचन-नंबर-46-चित्र-5
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इस प्रवचन के बाद वाले प्रवचन नं.47 को पढ़ने के लिए    यहां दबाएं ।


     प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि   मनुष्य शरीर की विशेषता,बिषय सुख में संतुष्टि नहीं,ध्यान की विधि,ध्यान योग कैसे करना है, ध्यान कैसे लगाएं,ध्यान की शुरुआत,ध्यान करने का सही तरीका, ध्यान करने के तरीके,ध्यान साधना कैसे करें, ध्यान करने के तरीके हिंदी,ध्यान की परिभाषा,ध्यान का अर्थ,ध्यान के लाभ,ध्यान लगाने की विधि, मोक्ष प्राप्ति का मार्ग। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। 




सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के विविध विषयों पर विभिन्न स्थानों में दिए गए प्रवचनों का संग्रहनीय ग्रंथ महर्षि मेंहीं सत्संग-सुधा सागर
महर्षि मेंहीं सत्संग-सुधा सागर
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S46, (ख) बिषयों में संतुष्टि नहीं ।। तृप्तिदायक सुख कहां मिलेंगा ।। सद्गुगुरु महर्षि मेंहीं प्रवचन S46, (ख) बिषयों  में संतुष्टि नहीं ।।  तृप्तिदायक सुख कहां मिलेंगा ।। सद्गुगुरु महर्षि मेंहीं प्रवचन Reviewed by सत्संग ध्यान on 8/31/2018 Rating: 5

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