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महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर के किस प्रवचन में क्या है? maharshi menheen satsang sudha saagar ke kis pravachan mein kya hai?

महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर 

     प्रभु प्रेमियों ! महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर के किस प्रवचन में कौन से विषय पर प्रवचन हुआ है । इसका संक्षिप्त जानकारी यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है ।  इससे प्रवचन कर्ता एवं अन्य प्रेमिजनो को अपने प्रश्नों के उत्तर जानने में काफी सहायता मिलेगी। 

विचार विमर्श करते गुरुदेव
विचार विमर्श करते गुरुदेव


महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर के किस प्रवचन में क्या है? 

          प्रवचन क्रमांक और बिषय सूची


में निम्नलिखित पाराग्राफ नंबरानुसार  निम्नोक्त विषयों की चर्चा की है--  1संतों की दृष्टि में ईश्वर कैसा है?   2. ईश्वर है इसे कैसे विश्वास दिलाया जा सकता है?    3. ईश्वर को कौन जान सकता है?    4. ईश्वर को सब कोई क्यों नहीं जान सकता है?    5. हमारी इन्द्रियाँ ईश्वर को क्यों नहीं पहचान सकती हैं?     6. चेतन-आत्मा क्या है?    7. ईश्वर या परमात्मा का क्या नाम है?     8. ईश्वर को कैसे प्राप्त किया जा सकता है?    9. ईश्वर प्राप्ति के लिए ध्यानाभ्यास कैसे करते हैं?     10. आत्ममुखी मन और शरीर मुखी मन क्या है?    11. केवल पुस्तकों को पढ़कर और प्रवचन सुनकर ही ध्यान करने लगना कितना उचित है? आदि बातें ।


में कहते हैं - 1. गुरु महाराज कैसे प्रसन्न होते हैं?    2. सत्संग में कैसे बैठना चाहिए?    3. सत्संग ध्यान से देश, समाज और परिवार वालों का कल्याण कैसे होता है?    4. सत्संग की महिमा पर साधु प्रेम दास और प्रसाशन संस्मरण,    5. सत्संग में क्या पाठ करना चाहिए?     6. साम्प्रदायिक भाव कैसे मिटेगा ? 7. एकता से लाभ और फूट से क्या-क्या हानि हो सकती है?     8. संतमत की उपयोगिता कैसे है?    9. आनंदपुर्वक कैसे रह सकते हैं?    10. सुख शांति प्राप्त करने का राज क्या है?     11. संसार में कैसे रहना चाहिए?     12. ईश्वर कैसा है?    13. स्वाबलंबी जीवन का महत्व ।     14ईश्वर भक्ति के बिना जीव का कल्याण नहीं है। 15. लड़ाई- झगड़ा मिटाने का उपाय इत्यादि बातों  के बारे में। 

 1. सत्संग में क्या सिखाया जाता है? हमलोगों को सत्संग क्यों करना चाहिए? 2. ईश्वर कैसा है? ईश्वर-स्वरूप को क्यों जानना चाहिए? 3. माया क्या है? ईश्वर को कौन जान सकता है? 4. मनुष्य शरीर का सर्वोत्तम उपयोग क्या है? 5. राजा श्वेत की कथा। दान का महत्व। दान क्यों करना चाहिए? 6. स्वर्ग का सुख कैसा है? शांतिदायक सुख कहां प्राप्त होगा? 7. ईश्वर की पहचान क्या है? संसार का सुख कैसा है? कबीर साहब के अनुसार आनंद-ही-आनंद कहां मिलता है? 8. ध्यान में क्या देखते हैं? ध्यान का शब्द कैसा होता है? ईश्वर प्राप्ति के लिए बिंदु और शब्द का क्या महत्व है? 9. हमें संसार में किस तरह रहना चाहिए? परमात्मा की प्राप्ति के लिए क्या-क्या परहेज करना चाहिए? व्यभिचारी किसे कहते हैं? 10. नशा क्यों नहीं करना चाहिए? 11. वार्य और अनिवार्य हिंसा क्या है? 12. मांस क्यों नहीं खाना चाहिए? 13. साधना आशा और दृढ विश्वास के साथ करने से शक्ति अवश्य प्राप्त होती है । इत्यादि इन बातें। 

                   S46    दिनांक २८.२.१९५३ ई०


में बताया गया है कि- 1. हमलोग क्या चाहते हैं?   2. ईश्वर प्राप्ति का रास्ता कहाँ है? कैसा है?    3. ईश्वर परमात्मा को कौन पहचान सकता है?   4. सद्गुरु क्या करते हैं?   5. हमलोग ( जीव ) कहाँ रहतें हैं?   6. आज्ञाचक्र और शिवनेत्र क्या है?   7. शाम्भवी या वैष्णवी मुद्रा किसे कहते हैं?   8.  दृष्टिसाधन का अभ्यास कबतक करना चाहिए?   9. दृष्टियोग का अभ्यास कैसे करें?   10.  ध्यान में विंदु प्राप्त करने के बाद क्या करना चाहिए?    11. सदाचार का पालन नहीं करने से क्या होता है?   इत्यादि बातें।


में आप निम्नलिखित बातों को पायेंगे- 1. सांसारिक वस्तुओं से पूरी संतुष्टि नहीं मिलती है।   2. पूरी संतुष्टि देनेवाला पदार्थ क्या है?   3. ईश्वर या परमात्मा को क्यों खोजें?   4. परमात्मा को कहाँ खोजें?   5. मनुष्य जीवन को लोग कैसे गवां रहे हैं?   6. जीव कहाँ-कहाँ  रहता है?    7. भजन किस अवस्था में कर सकते हैं?    8. तुरीयावस्था कैसे प्राप्त होता है?   9. संतमत सत्संग क्या है?  10. त्रैकाल संध्या क्या है? .....इत्यादि बातें।


में बताया गया है कि- 1.ईश्वर भक्ति रोचक है या यथार्थ?   2. ईश्वर भक्ति में आकर्षण क्यों  होना चाहिए?  3. राजा युधिष्ठिर को वैराग्य क्यों  हुआ?   4. ईश्वर के बारे में जानना क्यों जरूरी है?   5. क्या ईश्वर का निर्माण हुआ है?  6. ईश्वर कैसा है?  7. ईश्वर सगुण और निर्गुण दो तरह का क्यों कहा जाता है?   8. ईश्वर शगुन रूप धारण क्यों करते है?   9. ईश्वर को पाकर क्या मिलेगा?   इत्यादि बातें। 

                       S434    दिनांक १ जून १९८० ई०

में आप निम्नलिखित बातों को पायेंगे- 1. विभिन्न संप्रदायों के नाम कैसे रखे गए हैं?    2. विभिन्न मतों में एकता कैसे हो सकती है?   3. संतों ने क्या बतलाया है?    4. संत दरिया साहब की वाणी में माया किसे कहा गया है?    5. पांचो तत्व किस क्रम में उत्पन्न हुए हैं?    6. तृप्ति कैसे मिलती है?    7. दृष्टि योग कैसे किया जाता है?    8. परम ध्यान क्या है?   9. संतों की वाणियों का सार क्या है?  10. बाबा नानक साहेब जी ने बगदाद में क्या चमत्कार दिखाया था?    11. संतों को छोटा बड़ा कौन मानता है?   12. ध्यान करने से क्या मिलता है?   इत्यादि बातें। 



में आप निम्नलिखित बातों को पायेंगे- 1. संतमत क्या है और इसका सिद्धांत क्या है ?   2. संत कौन कहलाते हैं?    3. संतमत का सिद्धांत क्या है?   4. गुरु भक्ति का महत्व क्यों है?    5. संसार में कैसे रहना चाहिए?    6. ईश्वर भक्ति करना क्यों जरुरी है?   7. ईश्वर भक्ति से सभी दु:खों का नाश होगा यह विश्वास कैसे करें?   8. ईश्वर क्या है?   9. ईश्वर- भक्ति में कौन भटकता है?  इत्यादि बातें। 


 में आप निम्नलिखित बातों को पायेंगे--  1. संत मत सत्संग में कौन भाग ले सकते हैं?   2.  सत्संग में क्या सिखाते हैं?    3. शिव नारायण स्वामी गुरु ध्यान के बारे में क्या कहते हैं?   4. शिवाजी की गुरु भक्ति कैसी थी ?    5. समर्थ रामदास जी महाराज कैसे महापुरुष थे?   6.  दादू दयाल जी महाराज के चरित्र कैसा था?   7. संतमत के सत्संगी स्वावलंबी जीवन क्यों जीते हैं?   8. ध्यान कैसा करना चाहिए?  इत्यादि बातें।


में आप निम्नलिखित बातों को पायेंगे--  1. शहंशाह कैसे बनते हैं?   2. बाहरी सत्संग और अंतरि सत्संग क्या है?   3. परम मोक्ष या निर्वाण क्या है?  4. राजनीति कैसा होना चाहिए?   5. क्या बहुत धन से शांति मिलती है?   6. शांति कैसे मिलती है?   7. जीवन्मुक्ति कब प्राप्त होता है?  8. कबीर साहब ईश्वर भक्ति करने क्यों कहते हैं?   9. गुरु लोगों से क्या मिलता है?   10. प्रत्येक मनुष्य को क्या करना चाहिए? इत्यादि बातें।


 आप निम्नलिखित बातों को पायेंगे--  1. मनुष्य शरीर देवताओं को दुर्लभ क्यों है?   2. जीव को उपार्जन के लिए क्या करना चाहिए?   3. सत्संग कितने तरह का होता है?    4. मनुष्य शरीर पाकर क्या करना चाहिए?   5. बाहरी और आंतरिक सत्संग क्या है?   6. सत्संग करने से क्या लाभ है?



में आप निम्नलिखित बातों को पायेंगे-- 1. मंत्र जाप कैसे करना चाहिए?    2.  जप कितने प्रकार का होता है?   3. गुरु महाराज आशीर्वाद में क्या देते हैं?   4. सत्संग में क्या पाठ करना चाहिए?   5. कुप्पाघाट का सत्संग मंदिर किनके याद में बनाया गया है?   6. सत्संग में क्या-क्या होना चाहिए?  इत्यादि बातें।











महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर के किस प्रवचन में क्या है? maharshi menheen satsang sudha saagar ke kis pravachan mein kya hai? महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर के किस प्रवचन में क्या है? maharshi menheen satsang sudha saagar ke kis pravachan mein kya hai? Reviewed by सत्संग ध्यान on 5/04/2024 Rating: 5

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